Wednesday 20 December 2017

कब तक नेहरू-गांधी घराने के पुण्य पर चुनाव जीतेगी कांग्रेस?

गुजरात चुनाव में राहुल गांधी जीते और कांग्रेस हारी.
संगठन के अभाव में कॉग्रेस अपने वोट बूथ तक नहीं ले जा पाई जो उनकी हार का कारण बना.
 गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के अपने चुनाव क्षेत्र में संगठन की जर्जर अवस्था उनकी हार का कारण बनी.
कमजोर संगठन बार बार कॉग्रेस  की हार का कारण बनता रहा है परंतु कांग्रेस के नेता अभी तक नींद से जागे नहीं है.
महाराष्ट्र से लेकर असम तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कांग्रेस का संगठन बेहद खराब हालत में है.
अगर आज से ही पार्टी के नेताओं ने अथक परिश्रम नहीं किया तो अगले चुनावों में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है.

संगठक बनाम नेता-
कांग्रेस में नेताओं की कोई कमी नहीं है पर योग्य संगठको का नितांत अभाव है. एनएसयूआई से लेकर युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस और सेवादल तक ऐसे लोग कुर्सियों पर चिपके बैठे हैं जिन्हें ना तो कांग्रेस की नीतियों और अवधारणाओं का पता है ना तो कांग्रेस के गौरवशाली इतिहास का.
ऐसे लोग कांग्रेस के मृतप्राय संगठन में कैसे प्राण फूंक पाएंगे.

कांग्रेस को क्षेत्रीय आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे-छोटे संगठनों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं ,आदिवासियों आदि पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष कर रहे कार्यकर्ताओं, नौजवानों और विद्यार्थियों के कंधे से कंधा मिलाकर जातिवादी और पूंजीवादी व्यवस्था से संघर्ष करना होगा.
गंगोत्री से निकली गंगा प्रयाग पहुंचने के पहले ही  सूख गई होती अगर उसने लगातार छोटी-छोटी क्षेत्रीय नदियां आकर नहीं मिलती. जैसे गंगा अपने अंदर पूरे भारत से आ रही विभिन्न धाराओं को समेटते हुए आगे बढ़ती हैं, वैसे ही कांग्रेस को पूरे देश की छोटी बड़ी क्षेत्रीय आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करना होगा, उन्हें अपने साथ लाना होगा.
 अक्सर देखा गया है कि कांग्रेस के स्थानीय छत्रप स्थानीय आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते और न तो उनके साथ सामंजस्य ही स्थापित करते हैं.
धीरे-धीरे यह सारी शक्तियां कांग्रेस के खिलाफ खड़ी हो जाती है जो कालांतर में कांग्रेस को कमजोर करती हैं और कांग्रेस की हार का कारण बनती है.
वर्तमान में कांग्रेस में  जुगाड़ुओं की भरमार है.
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को जनता से जुड़ना होगा और जुगाड़ुओं को दूर करना होगा. कांग्रेस के पुनरुत्थान के लिए यह बेहद जरूरी है.
नमन


No comments:

Post a Comment