Tuesday 28 January 2014

1984 के सिख दंगों और 2002 के गुजरात दंगों का सच----



हम आईने हैं दिखाएंगे दाग चेहरों के
जिसे खराब लगे सामने से हट जाए।  'नमन'

1984 के सिख दंगों और 2002 के गुजरात दंगों का सच----
* 1984 के सिख दंगे....
·        31अक्तूबर सुबह भारत की तत्कालीन और अत्यंत लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी की प्रधानमंत्री आवास मे उनके ही सिख बॉडी गार्ड्स द्वारा निर्मम हत्या।
·        हत्यारों ने एकदम नजदीक से 2 दर्जन से अधिक गोलियां इन्दिरा गांधी के शरीर मे उतारी।
·        हत्या के समय इन्दिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी असम के राजनैतिक दौरे पर थे।
·        तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भी राजधानी दिल्ली के बाहर थे।
·        भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रयत्नों के बाद भी बीबीसी रेडियो ने दोपहर मे सिख बॉडी गार्ड्स द्वारा इन्दिरा गांधी की हत्या की खबर प्रसारित कर दी।
·        बीबीसी पर खबर प्रसारित होते ही न केवल दिल्ली मे बल्कि पूरे देश मे सिखों के खिलाफ दंगे भड़क उठे।
·        31अक्टूबर को सुबह प्रधान मंत्री की हत्या हो चुकी थी।
·        केंद्र मे कोई सरकार नहीं थी।
·        राष्ट्रपति भी दिल्ली के बाहर थे।
·        अचानक हुयी इस हत्या से पुलिस और सुरक्षा बल अनभिज्ञ थे और Preventive और Precautionary measures नहीं लिए जा सके।
·        यहाँ यह बात ध्यान देने योग्य है की 1984 मे मोबाइल फोन नहीं थे और सुरक्षा बलों को जो अपने घरों पर या छुट्टियों पर थे तुरंत सूचना देकर बुलाना एक टेढ़ी खीर थी।
·        तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह दिल्ली पहुँचते हैं और स्थिति का जायजा लेते हैं।
·        राजीव गांधी आसाम यात्रा छोड़ कर वापस लौटते हैं।
·        राष्ट्रपति वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मिल कर यह तय करते हैं की राजीव गांधी को तत्काल प्रधानमंत्री बना दिया जाए।
·        31 अक्टूबर को देर शाम को अकेले राजीव गांधी प्रधान मंत्री पद की शपथ लेते हैं।
·        12 घंटे से जादा देश बिना किसी सरकार के, बिना किसी प्रधानमंत्री के रहता है।
·        1 नवंबर को अपनी माँ की हत्या होने के बाद भी उनके शव के पास न बैठकर राजीव गांधी पूरी दिल्ली का दौरा कर सुरक्षा बलों को तुरंत शांति बहाल करने की आज्ञा देते हैं।
·        अपने प्रधानमंत्री की हत्या का समाचार सुन कर दिल्ली पहुंचे विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राजीव गांधी तुरंत अपने राज्य मे पंहुच कर शांति स्थापित करने का निर्देश देते हैं।
·        2 नवंबर की रात तक पूरे देश मे सिख विरोधी दंगे रोक दिये जाते हैं।

बीजेपी आरोप लगाती है की दंगे कांग्रेस प्रायोजित थे। बीजेपी नेताओं से प्रश्न 1- क्या कांग्रेस नेताओं को पता था की इन्दिरा गांधी की हत्या होने वाली है? प्रश्न 2- क्या राजीव गांधी आसाम से दंगे करने के दिशा निर्देश दे रहे थे ? प्रश्न 3- लगभग 24 घंटे दिल्ली मे कोई सरकार नहीं थी, तब किस कांग्रेस सरकार पर  बीजेपी के नेता दंगों का आरोप लगते हैं?

==== 2002 के गुजरात दंगे.....
27 फरवरी को सुबह सुबह गोधरा मे ट्रेन जला कर कारसेवको की हत्या।
·        27 फरवरी शाम तक पूरे गुजरात मे कहीं कोई हिंसा नहीं।
·        27 फरवरी को VHP और बजरंग दल गुजरात सरकार को ट्रेन जलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग करते है।
·        28 फरवरी की सुबह तक यानि ट्रेन जलाए जाने के 24 घंटे बाद तक पूरे गुजरात मे कोई दंगा नहीं होता।
·        28 फरवरी की जुलूस की शक्ल मे लाशों को शमशान ले जाया जाता है और धार्मिक भावनाएं उभारी जाती हैं।
·        28 फरवरी की शाम से पूरे गुजरात मे दंगे शुरू होते हैं जो लगभग 1 महीने चलते है।
·        दंगे गोधरा कांड के लगभग 36 घंटे बाद शुरू होते हैं। जो बताता है की दंगा प्रायोजित था और पूरी तैयारी से किया गया था।
·        फौज के आने पर दंगा कंट्रोल किया जाता है। फौज की गोलियों से सैकड़ों दंगाई मारे जाते हैं।

मोदी जी से मेरा प्रश्न है 1- गोधरा कांड के तुरंत बाद पूरे गुजरात मे सुरक्षा व्यवस्था क्यों कड़ी नहीं की गई ?
प्रश्न- 2- VHP और बजरंग दल की धमकी के बाद भी आपने उनको रोकने के कोई उपाय क्यों नहीं किए?
प्रश्न 3- गोधरा कांड के आरोपी 27 फरवरी को ही क्यों गिरफ्तार नहीं किए गए?
प्रश्न 4- गुजरात और विशेषकर अहमदाबाद मे दंगो के इतिहास को देखते हुये उचित Preventive measures क्यों नहीं लिए गए?
प्रश्न 5- केंद्र मे भी उस समय बीजेपी की सरकार थी, पर्याप्त संख्या मे तुरंत केंद्रीय सुरक्षाबल क्यों नहीं बुलाये गए?
प्रश्न 6- दंगे रोकने मे गुजरात सरकार को 1महीने से जादा का वक्त क्यों लगा ?
प्रश्न 7- तत्कालीन प्रधानमंत्री बाजपेयी जी ने मोदी से राजधर्म निभाने की बात क्यों की ?
प्रश्न 8-क्या यह सब नहीं दर्शाता की मोदी या तो स्वयं इन दंगों के प्रयोजक थे या एक अक्षम मुख्यमंत्री और प्रशासक साबित हुये?
प्रश्न 9- क्या ये सब यह नहीं दिखाता की गुजरात सरकार खुद नहीं चाहती थी की दंगे कंट्रोल हों?

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